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Showing posts from March 3, 2013

father's blessing

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father's blessing पिता का आशीर्वाद _____________________ एक बार एक युवक अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने वाला था। उसकी बहुत दिनों से एक शोरूम में रखी स्पोर्टस कार लेने की इच्छा थी। उसने अपने पिता से कॉलेज की पढ़ाई पूरी होने पर उपहारस्वरूप वह कार लेने की बात कही क्योंकि वह जानता था कि उसके पिता उसकी इच्छा पूरी करने में समर्थ हैं। कॉलेज के आखिरी दिन उसके पिता ने उसे अपने कमरे में बुलाया और कहा कि वे उसे बहुत प्यार करते हैं तथा उन्हें उस पर गर्व है। फिर उन्होंने उसे एक सुंदर कागज़ में लिपटा उपहार दिया । उत्सुकतापूर्वक जब युवक ने उस कागज़ को खोला तो उसे उसमें एक आकर्षक जिल्द वाली ‘भगवद् गीता’ मिली जिसपर उसका नाम भी सुनहरे अक्षरों में लिखा था। यह देखकर वह युवक आगबबूला हो उठा और अपने पिता से बोला कि इतना पैसा होने पर भी उन्होंने उसे केवल एक ‘भगवद् गीता’ दी। यह कहकर वह गुस्से से गीता वहीं पटककर घर छोड़कर निकल गया। बहुत वर्ष बीत गए और वह युवक एक सफल व्यवसायी बन गया। उसके पास बहुत धन-दौलत और भरापूरा परिवार था। एक दिन उसने सोचा कि उसके पिता तो अब काफी वृद्ध हो गए होंगे।

Ambition quotes in hindi

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महत्त्वाकांक्षा के बिना बुद्धिमत्ता , पंख के बिना चिड़िया के सामान है   महत्त्वाकांक्षा पर महान व्यक्तियों के विचार  Quote1: A young man without ambition is an old man waiting to be. In Hindi: बिना महत्त्वाकांक्षा  के  एक  नवयुवक   बस एक  वृद्ध  व्यक्ति  बनने  के  इंतज़ार  में  है . Steven Brust  स्टीवेन ब्रस्ट Quote2: Ambition is a dream with a V8 engine. In Hindi:   महत्त्वाकांक्षा  एक  सपना  है  जिसमे  वी 8 इंजन  लगा  है . Elvis Presley एल्विस प्रेस्ले  Quote3: Ambition is not what a man would do, but what a man does, for ambition without action is fantasy. In Hindi:   महत्त्वाकांक्षा  वो  नहीं  है  जो  इंसान  करना  चाहता  है , बल्कि  वो  है  जो  इंसान  करता  है , क्योंकि  बिना  कर्म  के   महत्त्वाकांक्षा  बस  एक  कल्पना  है . Bryant H. McGill ब्रायंट एच . मैकगिल   Quote4: Ambition is not what man does… but what man would do. In Hindi:   महत्त्वाकांक्षा   वो  नहीं  है  जो  आदमी  करता  है ….बल्कि  वो  है  जो  आदमी  करेगा . Robert Browning राब

know your self

                                       पहेले आप पहचानो रे साधू पहेले आप पहचानो                                 बिना आप चीन्हे पार ब्रम्ह को कोण कहे मैं जाणु                                                                                                                                                                                    महामति श्री प्राणनाथ जी अर्थात इश्वर की पहचान करने क लिए पहेले खुद की पहचान करना जरुरी होता है क्योकि जब हम खुद की पेच्चान कर लेते है की हमारी आत्मा कोन है और कहाँ  आई है तब हम अपने इश्वर की पहचान कर लेते है      अगर आप अपने आप को नहीं जानते, तो दूसरों को कैसे जानेंगे ?..... स्वामी विवेकानंद एक कथा सुनाते थे। एक तत्वज्ञानी अपनी पत्नी से कह रहे थे, संध्या आने वाली है, काम समेट लो। एक शेर कुटी के पीछे यह सुन रहा था। उसने समझा संध्या कोई बड़ी शक्ति है, जिससे डरकर यह निर्भय ज्ञानी भी अपना सामान समेटने को विवश हुआ है। शेर चिंता में डूब गया। उसे 'संध्या' का डर सताने लगा। पास के घाट का धोबी दिन छिपने पर अपने कपड़े समेट कर गधे पर