worlds youngest ceo
आज jazba
पे हम आपको मिलवायेंगे दुनिया के YOUNGEST CEO से . CEO (Chief Executive
Officer) यानि किसी company का सबसे प्रमुख अधिकारी ,कहने की बात नहीं है
कि यह एक बहुत ही जिम्मेदारी भरा पद है. और इस पद तक पहुचते-पहुँचते बाल
सफ़ेद हो जाते हैं.
जब पहली बार मेरे मन में ये सवाल आया कि
भला दुनिया का सबसे कम उम्र वाला CEO कौन होगा , तो मैंने सोचा जरूर ये कोई
American होगा, जिसने बीच में ही अपनी पढाई छोड़ कर किसी गराज से कोई IT
कंपनी शुरी की होगी . कोई Bill Gates, Steve Jobs types. पर मेरे लिए ये एक बेहद सुखद आश्चर्य था कि World’s Youngest CEO कोई और नहीं बल्कि एक भारतीय है.
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तो आइये हम आपको मिलवाते हैं दुनिया के youngest CEO, Mr. Suhas Gopinath ( सुहास गोपीनाथ) से.
आज से करीब दस-बारह साल पहले जब सुहास ने Globals Inc
की foundation डाली थी तो वो महज चौदह वर्ष के थे,और तब उन्हें खुद ही
नहीं पता था कि वो दुनिया के सबसे कम उम्र के CEO बन गए हैं. और ये काम
उन्होंने किसी आलिशान office में बैठ के नहीं बल्कि Banglore के एक छोटे से
Cyber-Cafe में बैठ कर किया था.
आज Globals Inc एक multi-million dollar
company है और इसके operations USA, UK, Spain, Australia, इत्यादि देशों
में फैले हुए हैं. मात्र पच्चीस वर्ष की अवस्था में, जब जादातर लोग अपनी
पढाई पूरी करने में ही लगे होते हैं; तभी Suhas Gopinath ने अनेकों
उपलब्धियां हांसिल कर रखी है –
- वो World Bank की ICT Advisory Council के BOARD MEMBER हैं
- साल 2007 में उन्हें European Parliament and International Association for Human Values ने “Young Achiever Award से सम्मानित किया.
- World Economic Forum. ने उन्हें ‘Young Global Leaders’for 2008-09 के सम्मान से भी नवाजा.
- वो World Economic Forum हे अब तक के सबसे young member भी हैं.
क्या बात है!!!
आइये उन्ही की जुबान से जानते हैं उनकी कहानी:
सुहस का बचपन:
मैं एक माध्यम-वर्गीय परिवार से belong
करता हूँ . मेरे पिता Indian Army में बतौर Scientist काम करते थे. और
मैं Banglore के Airforce School में पढता था. बचपन में मेरा interest
animal और vetrinary science में था . लेकिन जब मैंने अपने दोस्तों जिनके
पास PC था; को कंप्यूटर के बारे में बात करते सुनता था तो मेरे अंदर भी एक
चाहत उत्पन्न हुई की मैं भी उनकी तरह बात करू.
उस वक्त हमारे घर पे computer नहीं था और न
ही हम उसे afford कर सकते थे. इसलिए मैंने अपने घर के नजदीक ही एक
Internet Cafe find किया, तब मुझे हर महीने सिर्फ 15 रूपए बतौर pocket
money मिलते थे, इतने पैसों में रोज internet नहीं surf किया जा सकता था.
लेकिन मैंने इस दूकान के बारे में एक चीज notice की थी, ये हर रोज दोपहर
में 1 बजे से 4 बजे तक बंद रहती थी. मैंने दुकानदार को एक offer दिया कि school के बाद 1 बजे से 4 बजे तक मैं आपकी दूकान खोलूँगा और customers का ध्यान रखूंगा. बदले में आप मुझे free में net surf करने देंगे. ये मेरी life की पहली business deal थी, और ये काफी सफल साबित हुई.
Website बनाने की दीवानगी:
अब मेरे पास कंप्यूटर और Internet दोनों
था ..धीरे-धीरे मैंने website बनाना शुरू कर दिया. और कुछ ही समय में ये
मेरा passion बन गया. Internet पे कुछ freelance marketplace होते हैं जहाँ
मैं एक website-builder के रूप में registerहो गया. मुझे पहली वेबसाइट
free of cost बनानी पड़ी क्योंकि मेरे पास references नहीं थे. ये New York
के एक कंपनी की वेबसाइट थी. मेरी पहली कमी $100 की थी जो मुझे एक अन्य
website बनाने पे मिली, तब मैं 13 वर्ष का था. चूँकि मेरा कोई bank account
नहीं था इसलिए मैंने अपने पापा को इस बारे में बताया.
मैं पैसे को ले के जरा भी excited नहीं
था. क्योंकि मई ये काम पैसे के लिए नहीं, अपने passion के लिए करता था. मैं
free में भी वेबसाइट बनाता था, तब मैं नौवीं कक्षा का ही छात्र था. उसके
बाद मैंने coolhindustan.com नाम का एक पोर्टल बनाया. जो NRIs पे focussed
था. मैं इस पोर्टल के माध्यम से अपनी skills दिखाना चाहता था. उसके बाद तो
कई कम्पनिया मुझे अपना web-designer बनाने के लिए approach करने लगीं.
जब अपना पहला computer खरीदा:
जब मैं 9th class में था तभी मैंने
computer खरीदने के लिहाज से काफी पैसे जमा कर लिये थे. उस समय मेरा भाई
Engineering कर रहा था , पापा ने सोचा उसे कंप्यूटर की ज़रूरत है और उसके
लिए कंप्यूटर खरीद दिया, कुछ ही समय में मैंने भी एक कंप्यूटर खरीद लिया.
पर मेरे घर पे net-connection नहीं था. Net-cafe में जादा समय देने से मेरी
पढाई भी प्रभावित हुई. मैंने 9th के बाद अपनी सारी summer vacation cafe
में काम करते हुए बिताई.
जब US से job-offer मिला :
जब मैं चौदह साल का था तब US की एक कंपनी
NetworkSolutions से मुझे part -time job का offer मिला, वो US में मेरी
education भी sponsor करने को तैयार थे . पर मैंने वो offer reject कर दिया
क्योंकि उसी दौरान मैंने Bill Gates के बारे में पढ़ा था किउन्होंने कैसे
Microsoft कि शुरुआत की थी.
मैंने सोचा अपनी कंपनी शुरू करने में जादा मजा है. US की कई कंपनियां मुझसे कहती थीं कि मेरी तो मूंछ भी नहीं है और वो मेरी services लेने में insecure feel करती हैं. वो मेरी ability को मेरी उम्र और qualification से जोड़कर देखती थीं.इसलिए मैंने अपनी कंपनी शुरू करने कि सोची ताकि मैं दुनिया को दिखा सकूं कि age और academic qualification मायने नहीं रखते हैं. मैंने निश्चय किया कि जब मैं अपनी कंपनी start करूँगा तो मैं सिर्फ youngsters को लूँगा और उनसे उनकी academic qualification या marks के बारे में नहीं पूछूँगा. आज मैं इस चीज को अपनी कंपनी में follow करता हूँ.
मैंने सोचा अपनी कंपनी शुरू करने में जादा मजा है. US की कई कंपनियां मुझसे कहती थीं कि मेरी तो मूंछ भी नहीं है और वो मेरी services लेने में insecure feel करती हैं. वो मेरी ability को मेरी उम्र और qualification से जोड़कर देखती थीं.इसलिए मैंने अपनी कंपनी शुरू करने कि सोची ताकि मैं दुनिया को दिखा सकूं कि age और academic qualification मायने नहीं रखते हैं. मैंने निश्चय किया कि जब मैं अपनी कंपनी start करूँगा तो मैं सिर्फ youngsters को लूँगा और उनसे उनकी academic qualification या marks के बारे में नहीं पूछूँगा. आज मैं इस चीज को अपनी कंपनी में follow करता हूँ.
जब चौदह साल की उम्र में अपनी company start की :
Class 9th की छुट्टियाँ खतम होने के कुछ
दिन बाद ही मैंने अपनी कंपनी Globals Inc. की शुरुआत की. मैं कंपनी का नाम
Global या Global Solutions रखना चाहता था, पर दोनों ही नाम available नहीं
थे, इसलिए मैंने Globals नाम रख लिया.
मैंने अपनी कंपनी US में register कराइ
क्योंकि India में आप 18 वर्ष से कम उम्र में कंपनी नहीं डाल सकते. US में
कंपनी शुरू करने में बस 15 minute लगते हैं. मैं company का owner और CEO
बन गया, मेरा एक दोस्त जो अमेरिका की एकUniversity का छात्र था board
member बन गया. मैं काफी excited था क्योंकि यही तो मैं करना चाहता था. उस
दिन से मैं अपनी कंपनी को Microsoft के जितना बड़ा बनाने का ख्वाब देखेने
लगा.
पहले साल में Globals Inc का turn-over Rs. 1 lac था ,जो दुसरे साल में बढ़कर Rs. 5 Lac हो गया.
स्कूल में अच्छा ना करने पर:
अपने pre-board CBSE exam में मैं
Mathematics में fail हो गया. स्कूल की हेड-मिस्ट्रेस shocked हो
गयीं,क्योंकि पहली बार मैं किसी subject में fail हुआ था. उन्होंने मेरी
माँ को बुलाया और मेरी शिकायत की. घर पे माँ ने मुझसे कसम ली की मैं पढाई
पे ध्यान दूँगा. मैंने अपनी माँ से कहा कि जब दुनिया के सबसे अमीर आदमी
,Bill Gates ने अपनी पढाई पूरी नहीं की तो आप मुझे पढाई के लिए force क्यों
करती हैं? तब उन्होंने कहा कि मैं sure हूँ कि तुम्हारी और उसकी कुंडली एक
जैसी नहीं हैं.
मैं एक ऐसे परिवार से हूँ जहाँ entrepreneurship को पाप समझा जाता है.
मेरी माँ काफी upset थीं , वो चाहती थीं कि मैं पहले Engineering और फिर
MBA करके किसी अच्छी कंपनी में काम करूं. अपनी माँ कि इच्छाओं का ख़याल
रखते हुए मैंने चार महीने तक अपनी कंपनी के लिए कोई काम नहीं किया और board
exams की तयारी में जुट गया . मैंने परीक्षाएं first class में पास की.
मैं अभी भी feel करता हूँ कि सिर्फ bookish knowledge से कुछ नहीं होता ,practical knowledge बहुत जरूरी है.
Europe बतौर एक Market:
जब मैं 16-17 साल का था तब तक मैंने अपनी
कंपनी के बारे मैं घर मैं किसी को कुछ नहीं बताया था, वो येही समझते थे कि
मैं एक freelancer हूँ . हम लोग वेबसाइट बनाना , online-shopping ,
e-commerce से related काम करते थे . कभी कभी हम US में part-time
programmers को भी काम देते थे, पर अभी तक हमारा कोई ऑफिस नहीं था. जब मैं
सोलह साल का था तब मैंने महसूस किया कि Europe में काफी opportunities हैं
क्योंकि जादातर भारतीय IT companies US पे ही focus कर रहीं थीं. जब मैंने
Spain कि एक कंपनी को contact किया तब उन्होंने हमारे साथ ये कहते हुए काम
करें से मना कर दिया कि Indians को Spanish नहीं आती.
एक entrepreneur rejection नहीं स्वीकार कर सकता
खासतौर पे जब वो young हो. मैंने Spanish Universities से पांच interns को
hire किया और उन्हें उनके successful sales के हिसाब से pay करने को कहा.
इन लोगों ने हमारी कंपनी के लिए projects लाये . तब मैंने decide किया कि
Spain में हमारा एक office होना चाहिए.ठीक ऐसा ही मैंने Italy में भी किया.
जब Germany में Entrepreneurship पर बात करने गए :
American news-paper और BBC मेरे बारे में
काफी कुछ बता रहे थे “World’s youngest CEO at 14 from a middle class
background” मैंने कभी lime-light में आने के बारे में नहीं सोचा था, मेरे
लिए तो एक कंपनी स्टार्ट करना मेरे passion का हिस्सा था. ये सब देख कर
Germany के एक B-School ने मुझे entrepreneurship पर अपने स्टुडेंट्स से
बात करने के लिए invite किया. तब मैं 17 साल का था , मैंने अपनी बारहवीं कि
पढाई पूरी कर ली थी और बेंगलुरु के एक Engineering College में दाखिला ले
लिया था. जब मैं 18 साल का था तब मैंने अपनी कंपनी का
Europeanhead-quarter, Bonn में set-up कर दिया.
इस तरह से हमने एक छोटे से Internet Cafe से एक multi-national company तक का सफर तय किया जिसके operations आज Europe, Middle East, the US, Canada, the UK, Australia,आदि जगहों पर फैले हुए हैं.
इस तरह से हमने एक छोटे से Internet Cafe से एक multi-national company तक का सफर तय किया जिसके operations आज Europe, Middle East, the US, Canada, the UK, Australia,आदि जगहों पर फैले हुए हैं.
Suhas Gopinath With Bill Gates |
जब 18 साल में भारत में कंपनी register की :
जिस दिन मैं अठारह साल का हुआ उसी दिन
मैंने अपनी कंपनी को भारत में Globals नाम से register कर लिया और चार
लोगों को recruit कर लिया. मैंने अपना ऑफिस उसी cafe के बगल में खोला जहाँ से मैंने अपने career की शुरुआत की थी.
अब तक वो cafe बंद हो चूका था और उसका मालिक किसी फैक्ट्री में काम करने
लगा था. वो जब ही मुझे मिलता मै उससे येही कहता कि “ आपने मुझे तो
entrepreneur बना दिया पर खुद एक नौकरी कर ली”
कंपनी को एक Products company बनाने पर:
हम अपनी कंपनी को एक products company भी
बनाना चाहते थे और हमारा focus education पर था. हमने एक ऐसा software
बनाया है जो बच्चे के स्कूल में दाखिले से लेकर उसके निकलने तक उसकी सारी
जानकारी रखे.हम इस क्षेत्र में market leader बनाना चाहते हैं. आज हमारा ये
सॉफ्टवेर India, Singapore और Middle-East के सौ से जादा विद्यालयों में
use हो रहा है.
जब Ex-President डा. अब्दुल कलाम से मुलाक़ात हुई:
Suhas with Dr. APJ Abdul Kalam |
जब मैं Dr. Abdul Kalam
से मिला तब वो भारत के राष्ट्रपति थे. तब मैं 17-18 साल का था . वो
meeting 15 min की होनी थी लेकिन हमारा conversation इतना intense था कि
हमारी मुलाक़ात देढ घंटे तक चली. मुझे लगा ही नहीं कि मैं President of
India से बात कर रहा हूँ. हम लोगों ने दो दोस्तों की तरह बात की. वो पहले
टेबल की दूसरी ओर बैठे थे ,फिर बाद में मेरी बगल में आ के बैठ गए.यह मेरे
लिए एक बड़ा ही यादगार और अच्छा learning experience था.
2005 में World Bank का board-member बनने पर:
अपनी parents की इच्छानुसार मैंने
engineering में दाखिला तो ले लिया पर Bill Gates की तरह उसे complete नहीं
कर पाया. जब मैं 5th Semester था, तब World Bank ने मुझे उनकी board
meeting attend करने के लिए invite किया. उस board में मैं ही एक Indian था
. इसका objective था कि emerging economies में किस तरह ICT का प्रयोग
करके quality of education को improve किया जाय. Mr. Robert Zoellick , the
President of World Bank सिर्फ Americans को बोर्ड में नहीं चाहते थे, वो
और भी देशों से members चाहते थे. और चूँकि वो education पे focus कर रहे
थे इसलिए वो young minds को इसमें include करना चाहते थे.
मैंने तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं कभी Worls Bank का Board Member बनूँगा. ये मेरी जिंदगी का सबसे unforgettable moment था.मुझे direct Robert B Zoellick को report करना था. CEO of Cisco, VP of Microsoft ,CEO of SAP, etc भी इस बोर्ड के मेम्बर थे.
मैंने तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं कभी Worls Bank का Board Member बनूँगा. ये मेरी जिंदगी का सबसे unforgettable moment था.मुझे direct Robert B Zoellick को report करना था. CEO of Cisco, VP of Microsoft ,CEO of SAP, etc भी इस बोर्ड के मेम्बर थे.
अपनी कंपनी के future पर :
मैंने हमेशा येही माना है कि IT महज एक
technology नहीं है बल्कि problems solve करने का एक tool है. और मैं येही
इसcompany में करना चाहता हूँ . मैं चाहता हूँ कि Globals, educations से
related software solutions provide करने में market-leader हो.
जब मैं छोटा था तब मैं पैसों के बारे में
जादा care नहीं करता था , लेकिन अब मैं अपने employees के लिए उत्तरदायी
हूँ ,अगर मैं पैसों के बारे में न सोचूं तो हम scale-up नहीं कर पायेंगे.
जब मैंने बेंगलुरु के एक cafe से कंपनी शुरू कि थी तब मैंने सोचा भी नहीं
था कि एक दिन ये multi-million dollar कंपनी बन जायेगी . मेरा driving
force मेरा passion है और अभी तक का सफर काफी amazing रहा है.
TOP 2500+ SMS, SHAYARI, JOKES COLLECTION | ALL CATEGORIES AT A SAME WEBSITE
ReplyDeleteEARN MONEY ONLINE, CONSUMER COMPLAINT NO.S , ARTICLES ABOUT TECHNOLOGY..
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